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उत्तर प्रदेश राज्य (यूपी), सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र में सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से एक है, लगातार बुनियादी ढांचे के विकास, मानव पूंजी विकास और प्रभावी नीति कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है ताकि राज्य में उद्यमियों के लिए एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण किया जा सके। प्रदेश मैं “सूचना प्रौद्योगिकी और स्टार्टअप नीति (2017-2022) शुरू की गयी है, जिसका मुख्य उदेश्ये स्टार्टअप , उद्यमियों और निवेशकों के विकास को बढ़ावा देने वाला वातावरण बनाना , समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए आईटी को एक वाहन के रूप में विकसित करना ; राज्य में रोजगार सृजन, उद्यमिता को बढ़ावा देना,और नवाचार और जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने पर ध्यान देने के साथ उत्तर प्रदेश के संपूर्ण स्टार्टअप इकोसिस्टम को पोषित करना है।
स्टार्टअप नीति के मुख्य लक्ष्य I
* भारत सरकार द्वारा बनने वाली “स्टेट- स्टार्टअप रैंकिंग” सूची में प्रथम 3 राज्यों में स्थान बनाना।
* 100 इंक्यूबेटर की स्थापना करना या सहायता करना, और राज्य के प्रत्येक जनपद में कम से कम एक इनक्यूबेटर।
* स्टार्टअप्स के लिए आवश्यक इंक्यूबेशन/एक्सेलेरेशन हेतु न्यूनतम 1 मिलियन वर्ग फीट स्थान विकसित करना I
* 3 अत्याधुनिक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (COE) स्थापित करना I
प्रदेश में वर्तमान में 62 इन्क्यूबेटर्स और करीब 7500 स्टार्टअप्स भारत सरकार के डीपीआईआईटी से पंजीकृत होकर कार्यरत है।
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार ने प्रदेश में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए ‘एक आइडिया बदल सकता है आपका जीवन’ के मूलमंत्र को धरातल पर उतारते हुए स्टार्टअप का मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। मास्टर प्लान के तहत आधा दर्जन नए क्षेत्रों के स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जाएगा। इसमें महिलाओं, ग्रामीण प्रभाव वाले, सर्कुलर इकोनॉमी, सौर ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन और व्यवसायीकरण आदि स्टार्टअप को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा।
स्टार्टअप-नीति में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है। सरकार स्टार्टअप आइडिया से उत्पाद बनाने पर पांच लाख रुपए और उसे बाजार में लांच करने पर 7.50 लाख रुपए देगी। स्टार्टअप्स को एक साल के लिए 17,500 रुपए मासिक भरण-पोषण भत्ता भी दिया जाएगा।
इनोवेशन फंड का गठन करेगी प्रदेश सरकार, स्टार्टअप को मिलेगा बढ़ावा
प्रदेश में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश इनोवेशन फंड का गठन किया जाएगा। इसमें तकनीकी विश्वविद्यालय, शिक्षण संस्थान और उच्च शिक्षण संस्थान आगामी 2 से 3 वर्ष में 400 करोड़ रुपये का योगदान देंगे। वहीं कुशल इनवेस्टमेंट मैनेजर की ओर से अन्य निवेशकों की सहभागिता से 4000 करोड़ रुपये तक का निवेश स्टार्ट अप्स में कराया जाएगा।फंड के संचालन के लिए ट्रस्ट, लॉ-फर्म तथा इनवेस्टमेंट मैनेजर का चयन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति के जरिये किया जाएगा।
आईआईटी कानपुर मैं ड्रोन प्रशिक्षण केंद्र की स्तापना।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर और आईआईटी कानपुर के नोएडा परिसर में मानवरहित एरियल व्हीकल (यूएवी) ड्रोन तकनीक आधारित उत्कृष्टता केंद्र ( सेंटर ऑफ एक्सीलेंस COE ) स्थापित किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने 20.30 करोड़ की लागत से सेंटर की स्थापना को मंजूरी दी है । उत्कृष्टता केंद्र में प्रति वर्ष 20 नव उद्यमियों को सहयोग दिया जाएगा और 100 ड्रोन पायलट को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसका उद्देश्य प्रदेश में नवाचार, उद्यमिता, प्रौद्योगिकी सुविधा और व्यवसायिकरण पर सर्वोत्तम प्रथा को लाना है। स्टार्टअप्स के परिपक्व होने पर उनकी ओर से प्रदेश के विभिन्न इलाकों में उद्योग स्थापित किए जाएंगे। इससे प्रत्यक्ष और परोक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे।
झांसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड इन्क्यूबेशन सेंटर का वर्ष २०२३ तक निर्माण कार्य पूरा
झांसी के युवाओं के नवाचारों को पंख देने और उन्हें उद्यमी के रूप में विकसित करने के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत इंक्यूबेशन सेंटर तैयार करवाया जा रहा है. इस सेंटर का नाम रानी लक्ष्मीबाई इनक्यूबेटर फॉर सस्टेनेबल एंटरप्रेनरशिप ( RISE ) रखा गया है. यह सेंटर वोकल फॉर लोकल की थीम पर काम करेगा. फिलहाल इसकी बिल्डिंग तैयार की जा रही है, लेकिन इनक्यूबेशन सेंटर ने वर्चुअल माध्यम से काम करना शुरू कर दिया है. शिक्षण संस्थानों में जाकर ट्रेनिंग देने से लेकर हैकथॉन तक का आयोजन इस सेंटर के तहत किया जा रहा है. इनक्यूबेशन सेंटर के माध्यम से झांसी और उसके आसपास के इलाकों के स्टार्टअप्स को प्राथमिकता दी जाएगी और साथ ही उनकी 70 फीसदी हिस्सेदारी भी होगी, जो पलायन जैसी बड़ी समस्या से जूझ रहे बुंदेलखंड के लिए काफी मददगार साबित होगी. यहां के युवाओं को रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना होगा और वो अपने शहर में ही रह कर न सिर्फ स्वरोजगार कर सकते हैं बल्कि अन्य लोगों को भी नौकरियां देने में सक्षम बनेंगे.
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